उत्तराखंड की सुन्दरता के बारे में तो आपने सुना ही होगा कि पहाड़ों में बसा उत्तराखंड राज्य कितना खूबसूरत है | आज के आर्टिकल में हम अपने readers को उत्तराखंड के एक वेहद ही खूबसूरत tourist place फूलों की घाटी (The Valley Of Flowers Uttarakhand) से सम्बंधित जानकारी देने जा रहे हैं | यदि आप इस खूबसूरत tourist place के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें |
फूलों की घाटी रास्ट्रीय उद्यान [Valley Of Flowers]
फूलों की घाटी (The Valley Of Flowers Uttarakhand) उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित एक रास्ट्रीय उधान है, इस घाटी की खोज 1931 में फ्रैंक स्मिथ के द्वारा की गयी थी जो कि एक पर्वतारोही थे | स्मिथ को यह घाटी इतनी ज्यादा पसंद आई की उन्होंने इस पर एक पुस्तक “Valley Of Flowers” लिख डाली | फूलों की घाटी हरियाली और चारों तरफ से हिमालय की चोटियों से घिरी हुई एक अत्यंत खुबसूरत जगह है | फूलों की घाटी के पास पुष्पावती नदी बहती है जो पुष्पतोया ताल से निकलती है और आगे जाकर लक्ष्मण गंगा से मिल जाती है|
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1982 में फूलों की घाटी (The Valley Of Flowers) को विश्व संगठन यूनेस्को द्वारा रास्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था तथा “नंदा देवी रास्ट्रीय उद्यान” और “फूलों की घाटी रास्ट्रीय उद्यान” को सम्मिलित रूप से विश्व धरोहर में शामिल किया गया था | यह घाटी 87.50 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है | पर्यटक यहाँ 3 किलोमीटर लम्बी तथा 500 मीटर चौड़ी फूलों की घाटी में रंग बिरंगे फूलों को देखकर आकर्षित होते हैं | फूलों की घाटी महाभारत काल में नंदन वन के नाम से जानी जाती थी| कहा जाता है की हनुमान जी भगवान् राम के छोटे भाई लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी यही से लाये थे |
इस रास्ट्रीय उद्यान में गुलाब, कुमुदनी, चम्पा, जुही, बेला ,गुल्दाबली तथा सिल्पाड़ा आदि फूल मन को आकर्षित करते हैं | यहाँ फूलों की लगभग 500 से ज्यादा प्रजातियाँ पायी जाती हैं | यहाँ बुरांश का फूल गुलाब के लाल रंग को भी फीका कर देता है , बुरांश उत्तराखंड का राज्य वृक्ष भी है | भ्रमकमल जो की बिना पानी में होता है वह भी यहाँ बहुतायत मात्रा में पाया जाता है |
कैसे पहुंचे फूलों की घाटी [How To Reach The Valley Of Flowers]
- फूलों की घाटी जाने के लिए सर्वप्रथम आपको ऋषिकेश पहुंचना होगा , यहाँ से आप बस,टैक्सी या फिर अन्य माध्यमों द्वारा जोशीमठ को जाएँ | ऋषिकेश से जोशीमठ तक की दूरी लगभग 250 किलोमीटर है |
- यहाँ जाते समय आपको देवप्रयाग,रुद्रप्रयाग तथा चमोली शहर मिलेंगे |
- जोशीमठ पहुँचने के बाद आपको गोविन्दघाट के लिए रवाना होना पड़ेगा जिसके बीच की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है |
- गोविन्दघाट से आगे की दूरी पैदल तय करनी होती है | यहाँ का आखिरी गाँव भियुनडार है इसलिए फूलों की घाटी को भियुनडार घाटी भी कहा जाता है |
- इस गाँव के बाद कुछ आगे जाने पर घंगरिया नामक स्थान है जहाँ से आपकी फूलों की घाटी यात्रा प्रारंभ हो जाती है, यहाँ पर गढ़वाल विकास निगम का आवास गृह है |
- घंगरिया से 3 किलोमीटर दूर फूलों की घाटी स्थित है |
फूलों की घाटी जाने का सही समय ( The Valley of flowers best time to visit)
फूलों की घाटी (The Valley Of Flowers) जाने का सही समय मई से सितम्बर है किन्तु जुलाई से अगस्त यहाँ बारिश बहुत अधिक मात्रा में होती है यदि आप जुलाई से अगस्त में यहाँ पहुँचते है तो वह समय आपके लिए बहुत ही अच्छा साबित हो सकता है क्योकि बरसात में ही यहाँ के फूल बहुत अधिक मात्रा में खिल उठते हैं जिसका नजारा बहुत ही सुन्दर प्रतीत होता है और ब्रह्मकमल भी यहाँ सितम्बर में ही अधिक दिखाई देते हैं |
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उम्मीद करते हैं कि फूलों की घाटी उत्तराखंड (The Valley Of Flowers Uttarakhand) से सम्बंधित उपरोक्त लेख आपको पसंद आया होगा और आप भी इस खूबसूरत जगह में घूमने का प्लान बना चुके होंगे | यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि ज्यादा लोग यहाँ जाएँ और यहाँ की सुन्दरता को देख सकें |
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