कहानियाँ वे ही अच्छी होती है जो छोटी हों लेकिन उनसे मिलने वाली सीख बहुत बड़ी हो, इसलिए आज के आर्टिकल में में हम ऐसी ही कई छोटी कहानियाँ (Short Stories in Hindi) बताने जा रहे हैं जो आपके बच्चों के लिए काफी प्रेरणादायक साबित हो सकती हैं | यह तो आप सभी जानते ही होंगे कि सभी बच्चों को कहानियां बहुत पसंद होती हैं और एक बचपन ही होता है जब कोई बच्चा अच्छा या बुरा सीखता है |
ऐसे में यदि आप उन्हें अच्छी अच्छी कहानियाँ सुनाते हैं तो वे अपने बचपन में ही काफी कुछ सीख जाते हैं जो भविष्य में उनके जीवन में बचपन में कहानियों से मिली प्रेरणा की बजह से वे अपने जीवन को सफल बनाने का प्रयास करते हैं | पहले बच्चों को सुनाने के लिए दादी, नानी के पास कई कहानियां होती थीं लेकिन आज का समय कुछ और है जहाँ पर दादी, नानी के पास बच्चों को कहानियां सुनाने का ना तो समय है और ना ही कोई नयी कहानी |
यहाँ पर हम कई ऐसी कहानियां (Short Stories in Hindi) लिखने जा रहे हैं जिन्हें पढ़कर आप अपने बच्चों को प्रतिदिन नई-नई प्रेरणादायक कहानियां सुना सकते हैं जिनसे बच्चों का मनोरंजन भी हो जाता है और मजे मजे में बच्चे काफी कुछ सीख भी जाते हैं | आज के दौर में लेखक काफी रोमांचक और प्रेरणादायक Moral Stories in Hindi (Short Stories in Hindi) लिख रहे हैं जो आपके बच्चों को भविष्य में एक बेहतर इंसान बनने में मदद कर सकती हैं |
इस बात को नाकारा नहीं जा सकता कि प्रत्येक बच्चे का nature अलग-अलग होता है और किसी को कुछ पसंद आता है तो किसी को कुछ और पसंद आता है | इसके उपाय को खोजते हुए भी लेखकों नें प्रत्येक category की कहानियों की रचना की है आप अपने वच्चो की पसंद के अनुसार कहानियों का चयन करें और उन्हें पढ़कर सुनाएं |
किसी बच्चे को राजा रानी की कहानियां पसंद हैं तो किसी को जानवरों की कहानी, कोई भूतों की कहानी सुनना पसंद करता है तो कोई बच्चा पक्षियों की कहानी सुनना पसंद करता है | इस आर्टिकल में आपको कई कहानियां मिल जाएँगी जिनमें से चुनाव कर आप अपने बच्चों को सुना सकते हैं |
Short Stories in Hindi for Kids (2022)
वैसे तो कहानियाँ सभी वर्ग के लोगों को पसंद आती हैं और प्रत्येक को कुछ ना कुछ सीख देकर जाती हैं लेकिन यह बात भी सत्य है कि कहानियों को सुनने का मजा बस बचपन में ही आता है | इस आर्टिकल में जितनी भी कहानियां लिखी गयी हैं सब की सब आपको और आपके बच्चों को एक सीख अवश्य देंगी इसलिए इन सभी काहनियों को खुद भी पढो और अपने बच्चों को भी पढ़कर सुनाओ |
यहाँ पर जितनी भी कहानियां हैं सभी “Short Inspirational Stories in Hindi” हैं जिन्हें खासकर बच्चों को पसंद आयें ऐसा लिखा गया है | यदि आप भी अपने बच्चों को कुछ ऐसे ही अनोखी और रोचक हिंदी कहानियां सुनाना चाहते हैं तो आप यहाँ से उन कहानियों को पढकर अपने बच्चों को सुना सकते हैं |
Panchatantra short stories in Hindi with Moral
Panchatantra की कई कहानियां हैं जिनमें से हमने कुछ कहानियों का चयन किया है जो हम आपके लिए लिखने वाले हैं, उम्मीद करते हैं कि हमारा कहानियों का किया गया चयन और उन कहानियों से मिलने वाली प्रेरणा आपको अवश्य पसंद आएगी |
- सच्चे मित्र (हिरण, कबूतर और चूहा) – Short Stories in Hindi
- दो मित्र हाथी और खरगोश की कहानी – Moral Based Hindi Panchatantra Kahani
- शरारती बन्दर -Panchatantra Ki Kahani
- सुंदरवन की कहानी – Best Hindi Panchatantra stories for Kids
- हिरण का बच्चा (Short Stories in Hindi)
सच्चे मित्र (हिरण, कबूतर और चूहा) – Short Stories in Hindi
एक जंगल में एक कबूतर, हिरण और चूहा रहते थे और वे बड़े ही घनिष्ट मित्र थे | जंगल में स्थित सरोवर में खेलते कूदते, मस्ती करते, पानी पीते फल खाते और वहीँ सरोवर के आसपास घूमते रहते थे |
एक समय की बात है जंगल में अचानक एक शिकारी आ गया और उसने हिरण को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। शिकारी ने काफी प्रयत्न किया और अंततः जाल बिछाने में कामयाब हो गया और शिकारी के बिछाए इस जाल में हिरण फंस गया | हिरण को जाल में फंसा देख कबूतर ने हिरण से कहा कि तुम घबराओ नहीं दोस्त में जाकर देखता हूँ कि शिकारी कितनी दूर है और use रोकने का प्रयास करता हूँ तब तक हमारा चूहा मित्र तुम्हारे जाल को अपने पैने दांतों से क़तर देगा और तुम आजाद हो जाओगे |
कबूतर चारों तरफ उड़ने लगा और उसने शिकारी को को ढूंढना शुरू किया।
शिकारी काफी दूर था, अब कबूतर ने अपने प्राण को जोखिम में डालकर शिकारी के ऊपर वार करना शुरू कर दिया। कबूतर का निरन्तर प्रहार देखकर शिकारी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था और वह परेशान हो गया और परेशान होकर कबूतर के प्रहारों से बचने लगा किन्तु वह कबूतर शिकारी को ज्यादा देर तक रोक नहीं पाया।
शिकारी ने कुछ ही समय में कबूतर पर काबू पा लिया और वह जाल की ओर लौटने लगा |
यहां चूहा निरन्तर अपने काम में लगा हुआ था और चूहे ने जाल को लगभग काट ही दिया था और हिरण आजाद होने वाला था तभी शिकारी वहां पहुंच गया और इतने में ही कबूतर का एक झुंड वहां जल्दी से आकर उस शिकारी के ऊपर ताबड़तोड़ आक्रमण करने लगा |
इस आक्रमण से शिकारी घबरा गया
जितना भी समय उन कबूतरों पर काबू पाने में लगा उतने में चूहे ने निडर भाव से जाल को कुतर दिया था और हिरण को आजाद करवा लिया था । अब क्या था हिरण के आजाद होने के बाद हिरण और चूहा अपने अपने रास्ते चल दिए और कुछ दूर जाने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो उनका मित्र कबूतर शिकारी के चंगुल में आ गया था।
हिरण ने सोचा उसने मेरी जान बचाने के लिए अपनी जान खतरे में डाल दी।
इस पर हिरण धीरे – धीरे लंगड़ाकर चलने लगा शिकारी को ऐसा लगा कि हिरण घायल है उसके पैर में चोट लगी है इसलिए वह धीरे धीरे चल रहा है और वह भाग नहीं सकता।
शिकारी ने झट से कबूतर को छोड़ दिया और हिरण की तरफ दौड़ा।
हिरण को पकड़ने के चक्कर में उसने कबूतर को छोड़ा और इसका फायदा उठाकर कबूतर आसमान में उड़ गया, जैसे ही हिरण ने देखा कि कबूतर आजाद हो गया है उसने भी दौड़ लगा दी | इस प्रकार तीनों दोस्तों की सूझबूझ ने एक दूसरे की रक्षा की।
नैतिक शिक्षा
चाहे आप किसी भी स्थिति में हों और यदि आप आपसी सूझबूझ और समझदारी से काम लेते हैं तो आप किसी भी मुसीबत का सामना कर सकते हैं |
दो मित्र हाथी और खरगोश की कहानी – Moral Based Short Stories in Hindi Panchatantra Kahani
एक जंगल में एक हाथी रहता था जिसका नाम नंदू था और उसी जंगल में उसका एक खरगोश दोस्त रहता था जिसका नाम चिंटू था, दोनों घनिष्ट मित्र थे और वे जंगल में हमेशा साथ-साथ घुमा करते थे जिस वजह से पूरे जंगल में उनकी दोस्ती की अक्सर चर्चाएँ होती रहती थीं |
एक दिन की बात है, मौसम काफी सुहावना था और चारों ओर हरी घास लहरा रही थी | पेंड़ों पर कोमल पतियाँ थीं जो हवा से हिल रही थीं और बहुत सुन्दर प्रतीत हो रही थीं | दोनों दोस्त खाना खाकर विश्राम कर रहे थे और अचानक उनका खेलने का मन हुआ और दोनों की सहमति से उनका खेलने का प्लान बन गया |
उन्होंने यह सोचा था कि वे कोई पुराना खेल नहीं खेलेंगे और उन्हें अब कोई नया खेल ही खेलना है | नंदू बोला कि हम कोई ऐसा खेल खेलेंगे जो पुराने खेल से अच्छा हो और खेल को समझाने लग गया |
उसने कहा कि पहले मैं बैठ जाऊंगा और तुम मेरे ऊपर से उछल कर दूसरी पार कूदोगे फिर तुम बैठोगे मैं तुम्हारे ऊपर से कूद कर दूसरी तरफ निकलूंगा लेकिन इस दौरान हमारे शरीर का कोई हिस्सा एक दूसरे को स्पर्श नहीं करना चाहिए | खरगोश को इस खेल से डर लग रहा था लेकिन वह खेल खेलने को इसलिए मान गया क्योंकि उसके मित्र का मन इस खेल को खेलने का था |
पहले हाथी जमीन पर बैठ गया खरगोश दौड़ कर आया और हाथी के ऊपर से कूदकर दूसरी तरफ बिना स्पर्श किए कूद गया। अब हाथी की बारी थी खरगोश नीचे बैठा मगर वह डरा हुआ था और यह सोच रहा था कि कहीं हाथी मेरे ऊपर कूद गया तो मेरा तो कचूमर निकल जाएगा।
अब हाथी का नम्बर था और हाथी दौड़ता हुआ आ रहा था , हाथी जब दौड़ रहा था तो उसके दौड़ने से दाएं बाएं लगे नारियल के पेड़ हिलने लगे और ऊपर से नारियल टूटकर दोनों पर गिरे।
नारियलों को गिरता देख और हाथी को अपनी ओर आता देख खरगोश बिना कुछ सोचे समझे वहां से भागने लगा और उसने अपनी जान बचा ली | खरगोश भागते-भागते यह सोच रहा था कि मित्र हाथी से अच्छे यह नारियल हैं क्योंकि यदि अभी मित्र मेरे ऊपर गिरता तो मेरा कचूमर निकल जाता।
नैतिक शिक्षा
सच्चा मित्र सभी को बनाना चाहिए मगर उसके साथ कोई ऐसा खेल नहीं खेलना चाहिए जिससे हानि हो।
शरारती बन्दर -Panchatantra Ki Kahani (Short Stories in Hindi)
एक जंगल में एक शरारती बंदर रहता था और वह बन्दर सभी को पेड़ों के ऊपर बैठकर फल फेंक-फेंक कर मारा करता था। गर्मियों का मौसम था पेड़ों पर खूब ढ़ेर सारे आम लगे हुए थे।
बन्दर सभी पेंड़ों पर खूब उछल कूद करता और और आम के रस को चूसकर खूब आनंदित होता और साथ ही साथ वह नीचे आने जाने वालों को आम फेंककर मारता, उन्हें परेशान करता और उन्हें खूब चिढाता |
एक बार एक हाथी वहां से गुजर रहा था और वह बन्दर पेंड में बैठकर आराम से आम खा रहा था लेकिन उसने हाथी को देखा और उसका शैतानी दिमाग चलने लगा | बन्दर ने पेंड से आम तोड़े और हाथी को आम से मारने लगा जिसमें से एक आम हाथी के कान पर लगा और एक आम हाथी की आंख पर लगा |
हाथी को गुस्सा आ गया और हाथी ने अपनी सूंड उठाई और बंदर को दबोच लिया और उससे कहा कि तू यहाँ से आने जाने वालों सभी को परेशान करता है मैं तुझे उसकी सजा दूंगा | हाथी का गुस्सा देख बंदर घबरा गया और उसने हाथी से माफ़ी मांगी और कहा कि आगे से कभी भी शिकायत का मौका नहीं दूंगा |
बंदर के बार-बार माफ़ी मांगने पर हाथी ने बंदर को छोड़ दिया और कुछ समय बाद घनिष्ट मित्र बन गए | अब बंदर फल तोड़कर खुद भी खाता और अपने मित्र को भी खिलाता |
नैतिक शिक्षा
किसी को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए उसका परिणाम बुरा ही होता है।
सुंदरवन की कहानी – Best Hindi Panchatantra stories for Kids (Short Stories in Hindi)
सुंदरवन नामक एक खूबसूरत जंगल हुआ करता था जहाँ पर खूब ढ़ेर सारे पशु – पक्षी रहा करते थे। धीरे-धीरे अचानक पता नहीं क्या हुआ कि सुंदरवन की सुंदरता कम होती जा रही थीऔर सभी पशु-पक्षी भी वहां से जाने लगे थे |
सभी के दूर जाने का मुख्य कारण यह था कि वहां पर कई वर्षों से बरसात नहीं हो रही थी, जिसके कारण जंगल में पानी की कमी निरंतर होती जा रही थी और पेड़ -पौधों की हरियाली भी खत्म होती जा रही थी, किसी भी पशु पक्षियों का मन भी वहां नहीं लग रहा था।
सभी वन को छोड़कर दूसरे वन में जा रहे थे कि गिद्धों ने ऊपर उड़ कर देखा तो उन्हें काले घने बादल जंगल की ओर आते नजर आए। उन्होंने सभी को बताया कि जंगल की तरफ काले घने बादल आ रहे हैं और अब बारिश होगी।
इस पर सभी पशु-पक्षी वापस सुंदरबन आ गए और देखते ही देखते कुछ देर में खूब बरसात हुई। बरसात इतनी हुई कि वह दो-तीन दिन तक लगातार होती रही। सभी पशु पक्षी जब बरसात रुकने के बाद बाहर निकले तब उन्होंने देखा उनके तालाब और झील में खूब सारा पानी भरा हुआ था। सारे पेड़ पौधों पर नए-नए पत्ते निकल आए थे और जंगल फिर से हरा भरा हो चुका था |
सभी पशु पक्षी बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने जश्न मनाया, सभी का मन बहुत प्रसन्न था बत्तख अब झील मैं तैर रहे थे हिरण दौड़-दौड़कर खुशियां मना रहे थे |
इस प्रकार सभी पशु -पक्षी खुश थे अब उन्होंने दूसरे वन जाने का इरादा छोड़ दिया था और अपने घर में खुशी खुशी रहने लगे।
नैतिक शिक्षा
धैर्य का फल मीठा होता है।
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हिरण का बच्चा (Short Stories in Hindi)
एक जंगल में हिरण अपने पूरे परिवार के साथ रहता थाऔर उस हिरण एक प्यारा सुंदर सा बच्चा था। एक दिन हिरण के बच्चे की एक खरगोश से दौड़ हुई और उस दौड़ में हिरण का बच्चा खरगोश से आगे भागने लगा। वह इतना भागा कि वह जंगल, खेत और नदी तो पार कर गया किन्तु पहाड़ पार नहीं कर पाया।
वह चट्टान से टकराकर गिर गया और जोर-जोर से रोने लगा। बंदर ने उसकी टांग सहलाई पर चुप नहीं हुआ फिर भालू दादा ने गोद में उठा कर खिलाया उससे भी चुप नहीं हुआ और सियार ने नाच किया उससे भी चुप नहीं हुआ फिर हिरण की मां आई उसने उसे प्यार किया और कहा चलो उस पत्थर की पिटाई करते हैं। हिरण का बच्चा बोला नहीं ! वह भी रोने लगेगा।
उसके बाद मां हंसने लगी बेटा भी हंसने लगा और साथ ही साथ बंदर,भालू सभी हंसने लगे |
नैतिक शिक्षा
बालकों में संवेदना बड़ों से अधिक होती है और उसे बढ़ावा दे।
Short Stories in Hindi for Kids with Moral
शेर और चूहे की कहानी- Short Hindi Story with Moral
यह कहानी एक शेर और एक चूहे की है, एक बार की बात है जब शेर जंगल में सो रहा था उस समय एक चूहा उसके शरीर में अपने मनोरंजन के लिए उछल कूद करने लगा | इससे शेर की नींद ख़राब हो रही थी और वह गुस्से में उठ गया |
शेर चूहे से इतना ज्यादा नाराज हो गया था कि उसे खाने को तैयार था, शेर का गुस्सा देख चूहे ने शेर से विनती करी कि वह उसे ना खाए और आजाद कर दे | विनती करते हुए चूहा शेर से कहता है कि भविष्य में यदि कभी उसे चूहे की मदद की जरुरत पड़े तो वह अवश्य बताये | शेर ने चूहे के साहस की सराहना की और चूहे को आजाद कर दिया |
कुछ समय बाद एक दिन कुछ शिकारी जंगल में शिकार करने पहूंचे और उन्होंने अपने जाल में शेर को फंसा लिया | शिकारियों द्वारा शेर को एक पेंड से बाँध दिया गया, शेर स्वमं खुद को आजाद कराने का प्रयत्न कर रहा था और तेज तेज दहाड़ रहा था किन्तु शेर स्वमं को आजाद करवाने में असफल रहा |
शेर की दहाड़ इतनी तेज थी कि दूर तक सुनाई दे रही थी जो कि पास में गुजरते उसी चूहे के कान पर पड़ी जिसे शेर ने एक बार आजाद किया था | चूहे को एहसास हुआ कि शेर बहुत बड़े खतरे में है | यह सोचते हुए चूहा शेर के पास पहुँच गया और वहां जाकर उसने शेर जिस जाल में बंधा हुआ था उस जाल को अपने पैने दांतों से काट दिया |
जाल काटने के बाद शेर आजाद हो गया और शेर ने चूहे को धन्यवाद कहा | इस तरह एक छोटे चूहे ने शेर को आजाद करवा लिया |
नैतिक शिक्षा
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि उदार मत से किया गया कार्य हमेशा फल देता है और उसका नतीजा हमेशा अच्छा होता है |
लालची शेर की कहानी- Short Stories in Hindi for Kids
गर्मियों के दिन थे, जंगल में एक भूखा शेर था जो काफी समय से भूखा था, वह शेर अपनी भूख मिटाने के लिए जंगल में शिकार पर निकल गया | सबसे पहले उसे एक खरगोश मिला जो कि बहुत छोटा था और शेर ने उसके छोटे शरीर होने की बजह से खरगोश को नहीं खाया | फिर से शेर की तलाश शुरू हुई तब उसे एक हिरण दिखा और वह उसके शिकार के लिए हिरण के पीछे भागा |
शेर भूखा था और थका हुआ था जिस बजह से वह हिरण का पीछा नहीं कर पाया और हिरण खुद को बचाकर वहां से भाग गया | शेर ने सोचा भूख मिटाने के लिए किसी का शिकार तो करना ही है और यह सोचकर वह उस स्थान पर जा पहुंचा जहाँ पर उसे खरगोश मिला था, किन्तु अब खरगोश भी वहां से जा चुका था | शेर काफी दुखी हुआ और उसे भूखा ही रहना पड़ा
नैतिक शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अत्यधिक लोभ/लालच करना भी कभी कभी फलदायक नहीं होता है |
सुई देने वाले जादुई पेंड़ की कहानी – Short Stories in Hindi with Moral
एक जंगल के पास दो भाई रहते थे जिनमें से बड़ा भाई अपने छोटे भाई के साथ अक्सर बुरा वर्ताव किया करता था, वह छोटे भाई को परेशान करने के लिए कभी उसका खाना खा जाता था तो कभी उसके नए कपडे ख़राब कर देता था जिससे छोटा भाई काफी परेशान रहता था |
एक दिन बड़े भाई ने जंगल जाने का फैसला किया, उसने सोचा कि वह जंगल जाकर वहां से लकड़ियाँ लाएगा जिन्हें वह बाजार में बेचकर कुछ पैसे कमा लेगा | वह जंगल गया और वहां पर उसने बहुत से पेंड काटे और आचानक वह एक जादुई पेंड से टकरा गया | उस जादुई पेंड ने उस शक्श से कहा कि तुम मेरी टहनियां मत काटो उसके बदले में मैं तुम्हे एक सुनहरा सेब दूंगा |
उस समय वह मान गया और उसने जादुई पेंड की टहनियां नहीं काटी और बदले में पेंड ने उसे एक सुनहरा सेब दे दिया | यह देखकर उसके अन्दर लालच पैदा हो गया और उसने पेंड को धमकाते हुए कहा कि यदि तुम मुझे बहुत से सेब नहीं डोज तो मैं तुम्हे जड़ से काट दूंगा |
उसकी यह बात सुनकर पेंड ने उसे सेब तो नहीं दिए लेकिन उसके ऊपर सैकड़ों सुइयों की बौछार कर दी जिससे वह घायल होकर पेंड के नीचे ही लेट गया | संध्या का वक़्त हो चुका था और वह वहीँ पेंड के नीचे दर्द से करहा रहा था | छोटे भाई को अपने बड़े भाई की चिंता हुई और वह उसे ढूँढने जंगल में आ पहुंचा |
जंगल में उसने देखा कि उसका बड़ा भाई एक पेंड के नीचे पड़ा हुआ है और उसे कई सुइयां चुभी हुई हैं तथा वह रो रहा है | यह देखकर छोटा भाई भावुक हो उठा और रोने लगा साथ ही साथ वह अपने बड़े भाई के शरीर से सुइयां भी निकाल रहा था |
यह मंजर देख बड़ा भाई भी भावुक हो उठा और उसने अपने छोटे भाई से उसके साथ हुए बुरे वर्ताव के लिए माफ़ी मांगी और खुद को एक बेहतर इंसान बनने का वादा किया | पेंड ने भी बड़े भाई के अन्दर हुए परिवर्तन को देखा और वह प्रसन्न हो गया और दोनों भाइयों से कहा कि मैं तुम्हे उतने सुनहरे सेब दूंगा जितने सेब की तुम्हे आवश्यकता होगी |
नैतिक शिक्षा
इस कहानी से यह शिक्षा मिति है कि प्रत्येक मनुष्य को दयालु और शालीन होना चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों को किसी ना किसी मोड़ पर अवश्य पुरुस्कृत किया जाता है |
लकड़हारा और सोने की कुल्हाड़ी – Short Stories in Hindi in Short
एक समय की बात है जंगल के किनारे एक लकडहारा रहता था वह प्रतिदिन जंगल जाकर लड़कियां काटता, उन्हें इकठ्ठा करता और बाजार में जाकर उन्हें बेच देता था | इस तरह वह अपना और अपने परिवार का गुजारा करता था |
एक दिन वह जंगल में नदी के किनारे एक पेंड काट रहा था तभी अचानक उसके हाथ से उसकी कुल्हाड़ी फिसली और पास में बह रही नदी में जा गिरी | नदी बहुत ज्यादा गहरी थी और उस नदी में पानी का वहाव भी काफी तेज था | उसने अपनी कुल्हाड़ी को खोजने की हर मुमकिन कोशिस की पर वह नाकाम रहा |
अंत में उसे लगा कि अब उसने अपनी कुल्हाड़ी को खो दिया है और वह उदास हो गया और नदी के किनारे बैठकर रोने लगा | उसे रोता देख नदी में से भगवान् प्रकट हुए और लकडहारे से उसके दुखी होने का कारण पूछा | लकडहारे में अपनी पूरी सच्ची कहानी बता दी जिससे भगवान् उसकी मेहनत और सच्चाई देखकर प्रसन्न हो गए और लकडहारे की मदद करने का निर्णय लिया |
भगवान् ने नदी में डुबकी लगाई और वहां से एक सोने की कुल्हाड़ी निकाली, कुल्हाड़ी देख लकडहारे ने कहा कि यह उसकी कुल्हाड़ी नहीं है | भगवान् ने पुनः नदी में डुबकी लगायी और इस बार वे चांदी की कुल्हाड़ी लेकर प्रकट हुए, लकडहारे ने उस कुल्हाड़ी को देखा और कहा कि यह भी उसकी कुल्हाड़ी नहीं है |
एक बार फिर से भगवान् जी ने नदी में डुबकी लगायी और इस बार लोहे की कुल्हाड़ी लेकर बाहर निकले, भगवान् जी के बाहर निकलते ही लकडहारा मुस्कुराया और उसने कहा कि यही उसकी कुल्हाड़ी है |
नदी से प्रकट हुए भगवान लकड़हारे की ईमानदारी से प्रभावित हुए और उसे उसकी लोहे की कुल्हाड़ी के साथ साथ सोने और चांदी की कुल्हाड़ी भी दे दी |
नैतिक शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि इमानदारी से बढ़कर और कुछ नहीं है, ईमानदारी ही सर्वोत्तम नीति है |
हाथी और उसके दोस्तों की कहानी – Short Stories in Hindi for Class 1
एक जंगल में हाथी बसने के लिए आया, यह जंगल उसके लिए बिल्कुल नया था और वह यहाँ पर अपने दोस्त बनाना चाहता है | हाथी सबसे पहले एक बंदर के पास गया और वहां जाकर उसने बंदर से विनम्र निवेदन करते हुए आग्रह किया कि क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे ?
बंदर ने कहा कि तुम मेरी तरह उछल कूद नहीं कर सकते हो और ना ही पेंड़ों पर झूल सकते हो इसलिए हम दोस्त नहीं बन सकते हैं | हाथी निराश हो गया और वहां से चुपचाप चला गया |
इसके बाद हाथी खरगोश के पास गया और खरगोश से भी दोस्त बनने का आग्रह किया किन्तु खरगोश ने भी उसे जबाब दिया कि तुम मेरी तरह तेज नहीं दौड़ सकते और तुम मेरे बिल में भी नहीं घुस पाओगे इसलिए हम दोस्त नहीं बन सकते |
उसके बाद हाथी एक तालाब के किनारे पहुंचा और वहां उछल कूद कर रहे मेढकों से पूछा कि क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे ? मेढकों ने जबाब दिया कि तुम हमारे बराबर ऊँचा नहीं कूद सकते और तुम्हारा बजन बहुत ज्यादा है इसलिए हम दोस्त नहीं बन सकते हैं | हाथी बहुत निराश हो गया और थक हारकर बैठ गया |
लोमड़ी और अंगूर की कहानी (Class 2 Short Stories in Hindi)
यह कहानी एक लोमड़ी की है जिसे बहुत तेज भूख लगी होती है | लोमड़ी जंगल में काहने की तलाश कर रही होती है use पूरे जंगल में खाने को कुछ नहीं मिलता है और उसका भूख से बुरा हाल होता है | वह दर बदर जंगल में भटकती रहती है और खाने की तलाश करती रहती है किन्तु वह असफल रहती है |
अंत में जब वह थक हारकर गिरने ही वाली थी तभी वह एक किसान की एक दीवार से टकरा जाती है और वहां पर उसे अंगूर दिखाई देते हैं लेकिन वे अंगूर काफी ऊपर थे जहाँ पहुँच पाना इतना आसान भी नहीं था | लोमड़ी ने अंगूर तक पहुँचने का कई बार प्रयास किया और अंत में वह थक हारकर घर बापस लौटने लगी | लौटते समय वह मन ही मन सोच रही थी कि मुझे पूरा यकीन है कि अंगूर खट्टे ही होंगे |
नैतिक शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जो हमारे पास नहीं है उसका कभी तिरस्कार नहीं करना चाहिए और जीवन में कुछ भी आसान नहीं होता |
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उम्मीद करते हैं कि उपरकी आर्टिकल Ultimate 100+ Short Stories in Hindi with Significance for kids आपको पसंद आया होगा और आशा करते हैं कि यदि आप उपरोक्त कहानियां अपने बच्चों को सुनायेंगे तो उन्हें भी ये सभी कहानियाँ पसंद आयेंगी और in कहानियों से उन्हें जरूर कुछ ना कुछ सीख अवश्य मिलेगी |
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