कौन भारतीय ऐसा होगा जो मैरी कॉम के नाम से परिचित नहीं होगा मेरे ख्याल से तो कोई नहीं | भारत का ही नहीं अपितु विश्व का बच्चा – बच्चा मैरी कॉम के नाम से अच्छी तरह परिचित है | मैरी कॉम एक ऐसी हस्ती हैं जिन्होंने बॉक्सिंग के क्षेत्र में कई रिकार्ड्स बनाकर भारत का नाम सम्पूर्ण विश्व में रोशन किया है | आज के लेख में ( Mary Kom Biography in Hindi ) इसी महान महिला के जीवन परिचय के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं यदि आप भी मैरी कॉम की जीवनी के बारे में विस्तार में जानना चाहते हैं तो इस लेख को अन्त तक जरूर पढ़ें |
मैरी कॉम का संक्षिप्त परियच
नाम | मैरी कॉम |
मैरी कॉम का पूरा नाम | मांगते चुंगनेइजंग मैरी कॉम
Mangte Chungneijang Mary Kom |
जन्मतिथि | मार्च 1 , 1983 |
आयु | 38 वर्ष ( 2021 के अनुसार ) |
जन्मस्थान | कन्गथेइ, मणिपुरी, भारत |
निवास स्थान | इम्फाल, मणिपुर |
पिता का नाम | मांगते तोनपा कॉम |
माता का नाम | मांगते अक्हम कॉम |
शैक्षणिक योग्यता | स्नातक |
स्कूल का नाम | Loktak Christian Model High School, Moirang, Manipur |
कॉलेज का नाम | Churachandpur College, (Manipur University, Manipur) |
धर्म / रास्ट्रीयता | ईसाई / भारतीय |
कोच |
के. कोसना मैतेई (प्रथम कोच ) गोपाल देवांग एम नरजीत सिंह चार्ल्स अतकिंसन रोंगमी जोसिया |
Mary Kom Biography in Hindi ( प्रारंभिक जीवन )
एक गरीब किसान के घर जन्मी मैरी कॉम का पूरा नाम मांगते चुंगनेइजंग मैरी कॉम जो कि एक भारतीय महिला बॉक्सर हैं | इनके पिता का नाम मांगते तोनपा कॉम तथा माता जी का नाम मांगते अक्हम कॉम है | इनके प्रारम्भिक जीवन में इन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था क्योंकि इनके पिता एक गरीब किसान थे और परिवार काफी बड़ा था | जिसकी वजह से पैसों की कमी का एहसास इन्हें हमेशा ही होता था किन्तु कड़ी मेहनत करके इन्होने खुद को इतना काबिल बना लिया कि अब अपने साथ साथ घर की आर्थिक परेशानियाँ भी इन्होने ख़त्म कर दी हैं |
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Highlight : कई गोल्ड मैडल जीतने वाली दुनिया की पहली महिला बॉक्सर हैं मैरी कॉम
मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 को कन्गथेइ, मणिपुरी, भारत में एक गरीब किस्सान के घर हुआ था | इनकी प्रारम्भिक शिक्षा मणिपुर के एक छोटे से स्कूल Loktak Christian Model High School, Moirang, Manipur से हुई थी तथा आगामी परीक्षाओं तथा पढाई के लिए इन्होने Churachandpur College, (Manipur University, Manipur) में दाखिला लिया था | किन्तु पढाई में इनका मन थोडा कम लगता था और ये अपना ज्यादा ध्यान खेल कूद में दिया करती थीं जिसकी वजह से ये फेल भी हो गयी थीं | अन्त में इन्होने अपने स्नातक कि परीक्षा रास्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से पूर्ण करी |
मैरी कॉम का व्यक्तिगत जीवन
Mary Kom Biography in Hindi : मैरी कॉम का विवाह वर्ष 2005 में फुटबॉल खिलाडी करंग ऑनलर के साथ हुआ था | मैरी कॉम और करंग ऑनलर एक दूसरे को विवाह के 3 साल पहले से डेट कर रहे थे, इनकी मुलाक़ात पहली बार वर्ष 2000 में बैंगलोर जाते समय हुई थी | इस खूबसूरत जोड़े के तीन खूबसूरत बच्चे भी है जिनका नाम रेचुंगवर कॉम, खुपनैवर कॉम व प्रिंस कॉम है | रेचुंगवर कॉम और खुपनैवर कॉम दोनों जुड़वाँ बच्चे हैं जिनका जन्म 2007 में हुआ था और प्रिंस कॉम का जन्म 2013 में हुआ था |
Mary Kom’s Career Status ( मैरी कॉम का करियर )
मैरी कॉम के बॉक्सर बनने के पीछे बॉक्सर डिंगको सिंह का बहुत बड़ा हाथ माना जाता है क्योंकि मैरी कॉम को बॉक्सिंग का खेल खेलने की प्रेरणा डिंगको सिंह से ही मिली | यह कहानी 1998 की है जब मणिपुर के बॉक्सर डिंगको सिंह ने एशियाई खेलों में बॉक्सिंग में गोल्ड मैडल जीता था उस समय मैरी कॉम बहुत छोटी थीं | उनकी जीत का जश्न बड़ी धूमधाम से पूरे मणिपुर में मनाया गया था और कुछ ही समय में वो काफी चर्चित हो गए थे | यह जश्न का माहोल देखकर मैरी कॉम बहुत प्रफुल्लित हुईं और बॉक्सिंग का खेल खेलने की ठान ली |
लेकिन उनके लिए अपने परिवार के सदस्यों को समझाना इतना आसान नहीं था क्योंकि यह खेल पहले बस पुरुष ही खेला करते थे और लोगों को लगता था कि एक महिला यह खेल नहीं खेल पाएगी या फिर उसे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है |
कैसे हुई मैरी कॉम की बॉक्सिंग ट्रेनिंग की शुरुआत ?
जब मैरी कॉम ने बॉक्सिंग करने की ठान ही ली थी फिर उन्हें कौन रोक पाता, उन्होंने घर के सदस्यों से छुपकर अपनी ट्रेनिंग प्रारम्भ कर दी थी और अपने माता पिता को बताये बिना कई दिनों तक अपनी ट्रेनिंग को जारी रखा | ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने एक बार ‘खुमान लम्पक स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स’ में लड़कियों को लड़कों के साथ बॉक्सिंग करते हुए देखा और वो आश्चर्यचकित रह गयी और यह देखकर उनका निर्णय और कठोर हो गया और उन्होंने बॉक्सिंग चैम्पियन बनने की ठान ली |
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मैरी कॉम ने अपना गाँव छोड़ दिया और अपने गाँव से इम्फाल चली गयीं और वहां जाकर मणिपुर राज्य के बॉक्सिंग कोच एम् नरजीत सिंह से मिलीं और बॉक्सिंग सीखने के लिए उनसे आग्रह किया | एम् नरजीत सिंह ने भी फैसला लिया कि वह इस लड़की को बॉक्सिंग जरुर सिखायेंगे | ट्रेनिंग के दौरान जब सभी प्रशिक्षु सीखकर चले जाते थे तब भी मैरी कॉम रात में भी काफी काफी देर तक अपना अभ्यास किया करती थीं | उनकी लगन और कड़ी मेहनत ने आखिरकार उनको एक अच्छा बॉक्सर बना ही दिया |
Mary Kom Achievements ( मैरी कॉम की प्रमुख उपलब्धियां )
क्रमांक | वर्ष | प्रमुख उपलब्धियां |
1 | 2001 | एआईबीए वर्ल्ड वुमन्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक |
2 | 2002 | एआईबीए वर्ल्ड वुमन्स सीनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक |
3 | 2003 | एशियन वुमन्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक |
4 | 2004 | ताईवान में आयोजित एशियन वुमन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक |
5 | 2005 | एआईबीए वुमन्स वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक |
6 | 2006 | एआईबीए वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक |
7 | 2008 | चीन में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक |
8 | 2010 | एआईबीए वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक |
9 | 2010 | एशियाई खेलों में कांस्य पदक |
10 | 2012 | लंदन ओलम्पिक में कांस्य पदक |
11 | 2014 | एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक |
12 | 2017 | एशियाई महिला चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक |
13 | 2018 | विश्व महिला चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक |
14 | 2019 | महिला विश्व चैंपियनशिप मेंकांस्य पदक |
Highlight : राज्य सभा की सदस्या के रूप में कार्यरत हैं महिला बॉक्सर मैरी कॉम
मैरी कॉम को किन-किन पुरुस्कारों से पुरस्कृत किया गया है ?
बॉक्सिंग के प्रति लगन ओ उनकी दिन रात की कड़ी मेहनत ने उनको उनके सम्पूर्ण जीवन में कई पुरस्कार दिलाये हैं, लेख में आप जानेंगे कि किन-किन महत्वपूर्ण पुरस्कारों से मैरी कॉम को सम्मानित किया गया है |
- 2003 – भारत सरकार द्वारा मैरी कॉम को अर्जुन पुरस्कार (बॉक्सिंग) से सम्मानित किया गया तथा वर्ष 2006 में उन्हें पद्मश्री (खेल) से नवाजा गया
- 2007 – राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए दावेदार थीं भारतीय महिला बॉक्सर मैरी कॉम ( सर्वोच्च खेल सम्मान )
- 2007– लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स द्वारा मैरी कॉम को पीपल ऑफ द ईयर से नवाजा गया
- 2008 – CNN-IBN और रिलायंस इंडस्ट्री के द्वारा “रियल हीरोज अवार्ड” से सम्मानित किया गया
- 2008 – मैरी कॉम को पेप्सी M Tv यूथ आइकॉन के अवार्ड से सम्मानित किया गया
- 2009 – मैरी कॉम को 2009 में पुन: राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया जो कि सर्वोच्च खेल सम्मान है
- 2010 – सहारा स्पोर्ट्स अवॉर्ड द्वारा स्पोर्ट्स वीमेन ऑफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया गया
- 2013 – देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पदम भूषण (खेल) से नवाजा गया
- 2016– AIBA की ब्रांड एम्बेसडर
- 2020 – पदम विभूषण (खेल) से सम्मानित किया गया
Autobiography of Mary Kom (मैरी कॉम की आत्मकथा )
वर्ष 2013 में मैरी कॉम ने अपनी Autobiography/ आत्मकथा Unbreakable ( अनब्रेकेबल ) लांच की थी जिसमें उन्होंने उन कठिन परिस्थितियों तथा संघर्षों के बारे में बताया है जिनका सामना उन्हें अपने जीवन काल में करना पड़ा था | इस आत्मकथा (Mary Kom Biography in Hindi) को लिखने का उद्देश्य यह था कि लोग उनकी आत्मकथा से सीखें कि कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं माननी चाहिए और दिक्कतों का सामना करते रहना चाहिए | यदि आप अपनी कठिन परिस्थितियों का सामना कर लेते हैं तो आपको आपकी सफलता तक पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता है | उन्होंने अपनी आत्मकथा में यह भी लिखा है कि माँ बनने के बाद उन्हें अपने करियर से सम्बंधित किस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा |
मैरी कॉम की जीवनी पर बनी है भारतीय सिनेमा की एक फिल्म
मैरी कॉम एक भारतीय बॉक्सर के जीवन पर आधारित वोलीवुड सिनेमा में ओमंग कुमार के निर्देशन में MARY KOM फिल्म बनाई गयी है जिसे लोगों द्वारा काफी पसन्द किया गया | यह फिल्म मैरी कॉम की सच्ची घटनाओं पर आधारित है और इसमें मैरी कॉम का किरदार प्रियंका चोपड़ा ने बहुत ही खूबसूरत ढंग से निभाया है |
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