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What is Computer ? हिन्दी में जानिये सम्पूर्ण जानकारी

वर्तमान समय में प्रत्येक पीढ़ी के लोग Computer से परिचित हैं, और कम्प्यूटर क्या है भलीभांति जानते हैं | आज के समय में कम्प्यूटर का उपयोग बहुत अधिक बढ़ गया है, इसलिए कम्प्यूटर के बारे में अधिक से अधिक जानकारी रखना कम्प्यूटर यूजर के लिए लाभदायक होगा | आज की पोस्ट में कम्प्यूटर से सम्बंधित अधिक से अधिक बेसिक जानकारी देने का प्रयास किया जाएगा, उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आएगी | कम्प्यूटर से सम्बंधित जानकारी के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पड़ें |

कम्प्यूटर क्या है ?

What is Computer in Hindi ? कम्प्यूटर मनुष्य निर्मित एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र है, जो कुछ ही समय में बड़े पैमाने पर किसी भी प्रकार की गणना कर सकता है | कम्प्यूटर के द्वारा आंकड़ों का संकलन या निवेशन, आंकड़ों का संचयन तथा संसाधन और प्राप्त जानकारी का निर्गमन तथा पुननिर्गमन किया जा सकता है |

कम्प्यूटर के विभिन्न भाग

कम्प्यूटर एक मशीन है जो कि कई भागों से मिलकर तैयार हुई है, इस आर्टिकल में आज हम कम्प्यूटर के मुख्य भागों को भी जानेंगे |

सी. पी. यू. (CPU)

सी.पी.यू. की फुल फॉर्म सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट है , तथा इसे कम्प्यूटर का मस्तिस्क कहा जाता है |

रैम (RAM)

RAM Random Access Memory का संक्षिप्त रूप है, तथा इसे कम्प्यूटर की याददास्त कहा जाता है | जब भी Computer कोई गणना करता है, तो उसका रिजल्ट वह RAM में अस्थाई रूप से save कर देता है | यदि डेटा को save नहीं किया गया है और किसी कारणवश कम्प्यूटर बंद हो जाए, तो हम उस unsaved डेटा को खो देंगे, इसलिए समय-समय पर देता को save करते रहना चाहिए |
[su_tabs]RAM की गणना MB (मेगाबाईट) और GB (गीगाबाईट) में की जाती है |[/su_tabs]

रोम (ROM)

ROM की फुल फॉर्म Read Only Memory है, तथा यह कम्प्यूटर के हार्डवेयर का वह भाग है, जहाँ पर सभी डेटा स्थायी रूप से इकट्ठा होता है |

मदरबोर्ड (Motherboard)

मदरबोर्ड कम्प्यूटर का मुख्य circuit board होता है, जिसमे CPU, RAM इत्यादि सभी यूनिटों के प्लग लगे होते हैं | CPU, RAM के अलावा भी कम्प्यूटर में जितने भी सर्किट प्रयोग होते हैं, सभी के प्लग मदरबोर्ड में समायोजित होते हैं | मदर बोर्ड में प्लगों को सही तरीके से व्यवस्थित किया जाता है |

हार्ड डिस्क (Hard Disk)

हार्ड डिस्क कम्प्यूटर का वह कॉम्पोनेन्ट है, जिसमे स्पेस होता है, तथा इसका प्रयोग कम्प्यूटर के प्रोग्रामों तथा यूजर के डेटा को सुरक्षित रखा जाता है | हार्ड डिस्क का स्पेस जितना ज्यादा अधिक होगा, यूजर उतना ही ज्यादा डेटा सुरक्षित रख पायेगा |

कम्प्यूटर की full form क्या है ?

What is full form of computer ? तकनीकी रूप से कम्प्यूटर की कोई फुल फॉर्म नहीं है, किन्तु कम्प्यूटर की एक काल्पनिक फुल फॉर्म है, जिसे प्रत्येक यूजर का जानना जरूरी है |
C – Commonly, O – Operated, M – Machine, P – Particularly, U – Used for, T – Technical and, E – Educational, R – Research

Computer Genrations

Computer generation’s in hindi – समय के बदलते technology में भी कई परिवर्तन देखे जा रहे हैं | समय के अनुसार technology की मदद से मशीनों को लगातार upgrade किया जा रहा है | यदि computer के विकाश के क्रम को देखा जाए तो इस क्रम को 5 पीढ़ियों में वर्गीकृत किया गया है |

  1. प्रथम पीढ़ी (1942 – 1955)
  2. द्वितीय पीढ़ी (1956 – 1964)
  3. तृतीय पीढ़ी (1965 – 1974)
  4. चतुर्थ पीढ़ी (1975 – 1985)
  5. पंचम पीढ़ी (1985 से अब तक)

प्रथम पीढ़ी (1942 – 1955)

कम्प्यूटर की प्रथम पीढ़ी में 1942 से 1955 तक प्रयोग होने वाले कम्प्यूटरों को लिया गया है | प्रथम इलेक्ट्रोनिक कम्प्यूटर 1942 में इंट्रोडियूस किया गया था, जिसका नाम इलेक्ट्रोनिक नुमेरिकल इंटीग्रेटर एंड कैल्कुलेटर (ENIAC) था | इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में vacuum tubes का प्रयोग किया जाता था, जिस बजह से इनका आकार भी बहुत बड़ा हुआ करता था |

द्वितीय पीढ़ी (1956 – 1964)

1956 से 1964 तक प्रयोग होने वाले कम्प्यूटरों को द्वितीय पीढ़ी में रखा गया है | इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में vacuum tubes का प्रयोग ना करके ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया | ट्रांजिस्टर लगे ये कम्प्यूटर प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटरों से काफी बेहतर थे, और इनका आकर भी काफी छोटा हो गया था |

तृतीय पीढ़ी (1965 – 1974)

1965 से 1974 में प्रयोग में लाये जाने वाले कम्प्यूटरों को तृतीय पीढ़ी के कम्प्यूटरोंमें रखा गया था | बदलते समय को देखकर development होते रहे, और transistor की जगह integrated chip ने ले ली| इंटीग्रेटेड चिप के प्रयोग की बजह से कम्प्यूटर की परफॉरमेंस में काफी सुधार आया | कम्प्यूटर के आकार छोटे होने लगे और इनके काम करने की स्पीड में काफी बृद्धि हुई |

चतुर्थ पीढ़ी (1975 – 1985)

1975 से 1985 में जिन कम्प्यूटरों का प्रयोग किया जाता था, उन्हें चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्यूटरों में रखा गया है | इन कम्प्यूटरों में इंटीग्रेटेड चिप के स्थान पर VLSI (very large scale integrated) Chip का प्रयोग किया जाने लगा | VLSI चिप को माइक्रोप्रोसेसर भी कहा जाता है | इस चिप के आ जाने पर सम्पूर्ण सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को एक ही चिप पर लाना संभव हो पाया | इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस (GUI) पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाने लगा, जिसकी बजह से लॉजिकल कार्य और अंकगणितीय गणनाएँ काफी आसान होने लगीं |

पंचम पीढ़ी (1985 से अब तक)

1885 के बाद के सभी कम्प्यूटरों को पांचवी पीढ़ी में रखा गया है | कम्प्यूटर के इस पीढ़ी में artificial intelligence का प्रयोग किया जाने लगा | इस पीढ़ी के computers में VLSIC के स्थान पर ULSIC (ultra large scale integrated circuit) का प्रयोग होने लगा | Desktop, laptop, palmtop, notebook, Ultrabook, Chromebook इत्यादि सभी पंचम पीढ़ी के कम्प्यूटर्स हैं |

कम्प्यूटर का आविष्कार किसने किया ?

कम्प्यूटर का आविष्कार 19 वीं सताब्दी में गणित के एक प्रसिद्ध प्रोफ़ेसर Charles Babbage ने किया था, उन्हें Father of Computer भी कहा जाता है | Charles Babbage द्वारा पहले मैकेनिकल कम्प्यूटर Analytical Engine का डिजाईन तैयार किया गया था, यह डिजाईन आटोमेटिक मैकेनिकल कैलकुलेटर का successor था | Charles Babbage द्वारा बनाये गए इस पहले मैकेनिकल कम्प्यूटर के डिजाईन को modern computer का बेसिक फ्रेमवर्क माना जाता है |

कम्प्यूटर के प्रकार

Types of computer in hindi – कम्प्यूटर कितने प्रकार के होते हैं, तीन आधारों पर विभाजित किया गया है –

कार्यप्रणाली के आधार पर (based on mechanism)

  1. Analog Computers
  2. Digital Computers
  3. Hybrid Computers

उद्देश्य के आधार पर (based on purpose)

  1. General Purpose Computers
  2. Special Purpose Computers

आकार के आधार पर (based on size)

  1. Super Computers
  2. Main fraim Computers
  3. Mini Computers
  4. Micro Computers
  5. Laptop
  6. Palmtop

कम्प्यूटर के हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर

कम्प्यूटर एक ऐसा मशीनी उपकरण है, जो बना तो हार्डवेयर की मदद से है, किन्तु उस पर कार्य करने के लिए सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है, इसलिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की बेसिक जानकारी होना बहुत जरूरी है | यहाँ पर आप ये जानेंगे कि सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्या होते हैं, और इनका प्रयोग कहाँ पर होता है |

कम्प्यूटर हार्डवेयर

कम्प्यूटर हार्डवेयर किसे कहते हैं ? कम्प्यूटर का वह हिस्सा जिसे हम फिजिकली छू सकें या महसूस कर सकें, हार्डवेयर कहलाता है | जैसे आप जानते ही होंगे कि डेस्कटॉप कम्प्यूटर में सभी पार्ट्स अलग- अलग होते हैं, किन्तु लैपटॉप कम्प्यूटर में इन सभी पार्ट्स को समायोजित करके एक ही मशीन के अन्दर कर दिया गया है | किन्तु आज हम डेस्कटॉप कम्प्यूटर का उदाहरण लेते हुए बताएँगे कि हार्डवेयर क्या है ?
डेस्कटॉप कम्प्यूटर के जितने भी पार्ट्स आप फिजिकली टच कर सकते हैं, वे सभी पार्ट्स कम्प्यूटर के हार्डवेयर कहलाते हैं | की-बोर्ड, माउस, स्कैनर, मॉनिटर, स्पीकर, प्रिंटर इत्यादि सभी पार्ट्स को हम छू सकते हैं, इसलिए ये सभी पार्ट्स कम्प्यूटर के हार्डवेयर कहलाते हैं |

कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर

सॉफ्टवेयर क्या है / what is software in hindi ? – कम्प्यूटरों में प्रयोग होने वाले सॉफ्टवेयरों का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता है, इसलिए प्रयोग हुए सॉफ्टवेयरों को छुआ नहीं जा सकता है | सॉफ्टवेयर programming languages की मदद से तैयार किये गए ऐसे कोड्स होते हैं, जिनकी मदद से कम्प्यूटर समझ पाटा है कि उसे किस प्रकार का काम करना है | यह इलेक्ट्रोनिक मशीन coading के आधार पर कैलकुलेशन करती है, और यूजर को रिजल्ट प्रोवाइड कराती है |

सॉफ्टवेयर को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है –

  1. सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
  2. एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)

प्रयोग किये गए वह कोड्स जिनकी मदद से हार्डवेयर का नियंत्रण किया जाता है, सिस्टम सॉफ्टवेयर कहलाते हैं, तथा ऐसे सॉफ्टवेयर जिनकी सहायता से input तथा output उपकरणों को कम्प्यूटर के साथ जोड़ा जाता है, ताकि कम्प्यूटर काम कर सके, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहलाते हैं |

कम्प्यूटर के उपयोग

Applications of computer in hindi – आजकल की दौड़ भरी जिन्दगी में जब हर किसी के पास समय की कमी है, ऐसे में कम्प्यूटर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | इस यंत्र की सहायता से मनुष्य काफी कम समय में बड़े से बड़ा काम या बड़ी से बड़ी कैलकुलेशन आसानी से कर सकता है |
कम्प्यूटर का उपयोग मार्केटिंग, शिक्षा क्षेत्र, बैंक, दूर-संचार, ऑनलाइन शौपिंग, मिलेट्री सर्विसेज तथा मनोरंजन इत्यादी जगहों पर किया जा रहा है | कम्प्यूटर में मदद से प्रत्येक क्षेत्र में काम बहुत आसान हो गया है तथा तरह- तरह के सॉफ्टवेयर की मदद से मनुष्य के दैनिक जीवन को भी आसान बनाया जा रहा है |

कम्प्यूटर के लाभ तथा हानि

Advantages and disadvanteges of computer in hindi – कम्प्यूटर एक ऐसी डिवाइस है, जो मनुष्य के लिए वरदान साबित हुई है, किन्तु यदि मनुष्य सोचता है, कि कम्प्यूटर के प्रयोग से उसे बस लाभ ही होगा, तो वह गलत है, क्योंकि लाभ के साथ साथ कुछ हानियाँ भी हैं, जो मनुष्य को नुकसान पहुँचा सकती हैं |

Advantages of Computer

  • कम्प्यूटर की सहायता से कम समय में तेज गति से किसी भी काम को आसानी से किया जा सकता है |
  • कम्प्यूटर द्वारा किया गया कार्य तथा गणनाएं एक्यूरेट होती हैं |
  • कम्प्यूटर में अधिक से अधिक डेटा को काफी समय के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है |
  • कम्प्यूटर तथा इन्टरनेट की सहायता से दूर बैठे इंसान से भी बात की जा सकती है |
  • कम्प्यूटर में होने वाला कार्य paperless होता है, जिससे लाकों पेंड कागज़ बनने से बाख जाते हैं और प्रकृति की रक्षा होती है |

Disadvantages of Computer

  • कम्प्यूटर संचालन में मनुष्य की शारीरिक गतिविधियाँ कम हो जाती है, जिससे शरीर पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है |
  • कम्प्यूटर की स्क्रीम से तरह –तरह की किरणें निकलती हैं, जो शरीर तथा आँखों के लिए हानिकारक होती हैं | इससे निकलने वाली किरणें आँखों की दृष्टि को कम कर देती हैं |
  • कम्प्यूटर बड़ी से बड़ी गणनाओं को कुछ ही समय में आसानी से कर देता है, जिसकी बजह से मनुष्य का जितना दिमाग प्रयोग होना चाहिए था वह नहीं हो पाता है | जिसकी बजह से मनुष्य में विवेक क्षमता का अभाव आ जाता है |
  • कम्प्यूटर में आपका पर्सनल डेटा आप सुरक्षित रखते हैं, किन्तु किसी cyber attack की बजह से आप उस डेटा को खो सकते हैं |

 

 

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