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Share Market Kya Hai जानिए प्रत्येक महत्वपूर्ण जानकारी (Guide in Hindi)

क्या आप जानते हैं कि Share Market Kya Hai (What is Share Market in Hindi) ? आपने अक्सर कई लोगों की जुबानी शेयर मार्केट का नाम सुना होगा और कई बार सुनने के बाद इसके बारे में जानने की इच्छा भी जताई होगी लेकिन कई कारणों जैसे इसके बारे में पूर्ण इनफार्मेशन का ना मिल पाना, गलत जानकारी पाना इत्यादि से आप अभी तक इसकी सम्पूर्ण जानकारी से वंचित हैं |

कहा जाता है कि आधा अधूरा ज्ञान खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए यदि आप इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं और यह जानना चाहते हैं कि Share Market Kya Hai तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िए | इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि शेयर मार्केट क्या है, कैसे शेयर मार्केटिंग की जाती है (share marketing in hindi), आप शेयर market में कैसे निवेश कर सकते हैं (share market me invest kaise karen), शेयर्स कब खरीदने चाहिए और शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमायें इत्यादि |

शेयर मार्केट क्या है (Share Market kya hai in Hindi)

शेयर मार्केट वह प्लेटफार्म है जहाँ पर सार्वजानिक रूप से भिन्न-भिन्न कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं | शेयर मार्केट को गहराई से समझने से पहले एक बार  यह समझ लेते हैं कि शेयर क्या है ?

शेयर का शाब्दिक अर्थ है “हिस्सा” यानि जब आप किसी reputed कंपनी का कोई शेयर या एक हिस्सा खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के एक हिस्सेदार बन जाते हैं और जब मार्केट में उस कंपनी की value कम या ज्यादा होती है तो साथ ही साथ आपका शेयर भी नफा और नुकसान झेलता है | इसका मतलब यह है कि किसी कारणवश यदि कम्पनी को घाटा हो रहा है तो उस घाटे के अनुसार आपके शेयर की value भी कम हो जाती है और वहीं पर विपरीत स्थिति यह होती है कि जब कम्पनी को मुनाफा हो रहा है तो आपके शेयर की value बढती है और कंपनी के मुनाफे के साथ- साथ आपका भी मुनाफा होता है |

Share Market दो शब्दों Share + Market से मिलकर बना है, यहाँ पर शेयर का अर्थ है कम्पनी में आपका एक हिस्सा और मार्केट का अर्थ है एक ऐसी जगह जहाँ पर सामान को खरीदा या बेचा जाता है | आप इस बाज़ार में 100 रूपए से लेकर अधिकतम कितनी भी राशि के शेयर खरीद सकते हैं और अपना नफा नुकसान देख व समझ कर उन शेयर्स को इस बाज़ार में बेच भी सकते हैं |

शेयर का घटना बढ़ना मार्केट के कई factors पर आधारित है यदि आप बाज़ार की strategy को समझते हैं तो आप शेयर मार्केट से अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं क्योंकि बाज़ार के कुछ factors के कारण शेयर का दाम अचानक उठता और गिरता है | यदि आप समझ गए कि किन कारणों से बाज़ार गिरेगा या उठेगा तो आप शेयर मार्केट के राजा बन सकते हैं |

जैसा कि शेयर मार्केट में वित्तीय जोखिम बहुत ज्यादा होता है इसलिए सोच समझ कर और पूरी strategy के साथ ही शेयर मार्केट में निवेश करें | वित्तीय जोखिम होने की वजह से शेयर मार्केट को जोखिम भरा बाज़ार भी कहा जाता है | शेयर बाज़ार में शेयर बेचने वाली सभी कंपनियां रजिस्टर्ड होती हैं और यदि कोई कंपनी समझौते के नियमों का पालन नहीं करती है तो (SEBI – SECURITIES AND EXCHANGE BOARD OF INDIA) द्वारा उसका रजिस्ट्रेशन निस्तारित कर दिया जाता है | सेबी का प्रमुख उद्देश्य भारतीय स्टॉक निवेशकों के हितों को संरक्षण प्रदान करना है और इस पूरे बाजार पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का ही नियंत्रण होता है।

अभी तक आपने जाना कि शेयर मार्केट क्या होता है (Share Market Kya Hai) या कहें आपने जाना कि Stock Market kya hai in Hindi, अब आप आगे जानेंगे इससे सम्बंधित अन्य कई सारी मुख्य जानकारियां |

यह भी जानिये : What is Affiliate Marketing in Hindi और क्या इससे पैसे कमाए जा सकते हैं ?

शेयर कितने प्रकार के होते हैं (Types of Shares in Hindi) ?

शेयर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं –

  1. Equity Share
  2. Preference Share
  3. DVR Share

Equity Share क्या है ?

Equity Share को साधारण शेयर (Ordinary Share) के नाम से भी जाना जाता है और शेयर मार्केट में सूचीबद्ध अधिकांश कंपनियों द्वारा Equity Share ही issue किया जाता है | जब अधिकांश कम्पनियां Equity Share Issue कर रही हैं तो आम जनता द्वारा भी Equity Share को अन्य की तुलना में अधिक trade किया जाता है | Equity शेयर में निवेश करने वाले सभी shareholders को कंपनी में होने वाली meetings में vote करने का अधिकार है |

Preference Share क्या है ?

कोई भी कंपनी अपने चुनिन्दा निवेशकों और प्रमोटर्स के लिए Preference Share जारी करती हैं और Preference Share रखने वाले शेयरहोल्डर्स equity share holders की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होते हैं क्योंकि जब कोई कंपनी दिवालिया होने की कगार पर हो तो Preference Share holders को वरीयता दी जाती है और उनका भुगतान पहले किया जाता है |

कम्पनी का यदि कोई लाभ होता है तो उस लाभांश में भी इन्ही शेयर होल्डर्स का अधिकार पहले होता है और इन्हें लाभांश और डिविडेंड देने के बाद जो पैसा बचता है वह अन्य प्रकार के shareholders को वितरित किया जाता है |

प्रेफरेंस शेयर को सामान्य शेयरों में बदला जा सकता है, उस स्थिति में इन्हें कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर कहते हैं और जब इन्हें बदला न जा सके तो इन्हें नॉन-कन्वर्टिबल प्रेफरेंस शेयर कहा जाता है | प्रेफरेंस शेयर इक्विटी शेयरों का ही एक प्रकार हैं, इनमें सामान्य इक्विटी शेयरों से अलग वोटिंग राइट्स होता है और प्रेफरेंस शेयरों को वोटिंग राइट्स में तरजीह मिलती है |

DVR Share (Differential Voting Rights) क्या है ?

डीवीआर उन शेयरों के लिए प्रयोग किए जाते हैं जिनमें वोटिंग अधिकार का अंतर होता है। इसका मतलब यह है कि डीवीआर शेयर रखने वाले शेयरधारकों के पास इक्विटी शेयर रखने वाले शेयरधारकों की तुलना में अधिक या सीमित मतदान अधिकार हैं। लेकिन भारतीय कानून के तहत, कंपनियों को उच्च मतदान अधिकारों के साथ इक्विटी शेयर जारी करने की अनुमति नहीं है, इसलिए स्टॉक मार्केट में जारी किए गए डीवीआर शेयर केवल सीमित मतदान अधिकार वाले हैं।

डीवीआर शेयर साधारण शेयर से कैसे अलग है?

डीवीआर शेयर प्रमुख तरीकों से साधारण शेयरों से अलग हैं-

  1. ये सामान्य शेयरों की तुलना में कम मतदान अधिकार प्रदान करते हैं। इसलिए, शेयरधारक को वोट देने का अधिकार नहीं हो सकता है, लेकिन बोनस शेयर, अधिकार शेयर मुद्दे आदि जैसे अन्य अधिकार बरकरार रहते हैं |
  2. डीवीआर शेयरों को आम तौर पर छूट पर पेश किया जाता है जिसका अर्थ है कि सामान्य शेयरों में निवेश की तुलना में निवेश राशि काफी कम हो सकती है |
  3. डीवीआर शेयर रखने वाले शेयरधारकों को उनके वोट के बलिदान की भरपाई करने के लिए सामान्य शेयरों की तुलना में अधिक डिवीडेंड मिलता है |

शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं (Share Market me invest kaise kare) ?

Share Market Kya Hai यह जानने के बाद आपके मन में शेयर मार्केट में पैसे निवेश करने का विचार बन चुका होगा और  जाहिर सी बात है कि यदि आप यह आर्टिकल पढ़ रहे हैं तो आप निश्चय कर चुके हैं कि आपको शेयर मार्केट में पैसा लगाना है और आप यह खोज रहे हैं कि शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं | आप की खोज यहीं पर समाप्त होने वाली है क्योंकि आगे के आर्टिकल में आप सम्बंधित पूर्ण जानकारी पढेंगे | सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि शेयर मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक डीमैट अकाउंट बनाना होता है जिसे आप नीचे बताये गए 2 तरीकों से बना सकते हैं |

पहला तरीका यह है कि आप किसी ब्रोकर के पास जाएँ और उनके माध्यम से डीमैट अकाउंट open करें और दूसरा तरीका यह है कि आप बैंक जाएँ और वहां जाकर डीमैट अकाउंट खोलने के लिए एप्लीकेशन submit करें | अकाउंट खोलने से सम्बंधित हमारी राय हमेशा यह रहती है कि आप डीमैट अकाउंट  खोलने के लिए किसी ब्रोकर को ही देखें क्योंकि उससे फायदा यह होता है कि आपको समर्थन मिल जाता है और वह आपको आपके निवेश के अनुसार तरह-तरह की सलाह भी दे देते हैं |

  • डीमैट अकाउंट में शेयर के सभी पैसे रखे जाते हैं
  • डीमैट अकाउंट के साथ-साथ आपका एक saving account का होना भी जरूरी है क्योंकि डीमैट अकाउंट आपके सेविंग अकाउंट के साथ जुड़ा होता है
  • जब शेयर मार्केट से आप कोई income करते हैं तो वह पैसा आपके डीमैट अकाउंट में जाता है और जब आपको अपना profit का पैसा चाहिए होता है तो आपको वह पैसा डीमैट अकाउंट से जुड़े  saving account में transfer करना होता है

डीमैट अकाउंट क्या है (What is Demat Account in Hindi) ?

Share Market Kya Hai जानने के साथ आपको यह भी जानना होगा कि डीमैट अकाउंट क्या है क्योंकि बिना इसके आप शेयर मार्केट में पैसे निवेश नहीं कर सकते हैं | यदि आप शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास एक डीमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है जो कि बिल्कुल बैंक अकाउंट की तरह ही होता है | डीमैट अकाउंट में आपके शेयर्स फिजिकल फॉर्म में ना रखकर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखे जाते हैं | डीमैट अकाउंट मुख्यतः निवेशकों की प्रोफाइल के अनुसार तैयार किये जाते हैं और ये 3 प्रकार के हो सकते हैं |

  1. Regular Demat Account (रेगुलर डीमैट खाता)
  2. Repatriable Demat Account (रिपाट्राइबल डीमैट खाता)
  3. Non-Repatriable Demat Account

डीमैट खाता कैसे खोलें (How to open demat account hindi) ?

पर्याप्त रूप से सुविधाजनक डीमैट खाता खोलना बहुत ही आसान है और यह दो तरीकों से खोला जा सकता है, इसे खोलने का पहला माध्यम है ऑफलाइन एवं दूसरा माध्यम है ऑनलाइन | पहले जानेंगे कि डीमैट अकाउंटऑफलाइन कैसे खोलें ?

ऑफलाइन प्रक्रिया को 4 भागों में विभाजित किया गया है –

  1. डिपॉजिटरी सहभागी का चयन
  2. आवेदन पत्र भरें
  3. सत्यापन प्रक्रिया
  4. अंतिम अनुमोदन

सबसे पहले आपको भिन्न-भिन्न डीपीएस द्वारा दी जाने वाली सेवाओं और लाभों की तुलना करनी होती है, जब आप अपनी आवाश्य्कातों के अनुसार सबसे उपयुक्त अंतिम डीपी का चयन कर लेते हैं तो आपको उसके बाद एक आवेदन पत्र भरना होता है जिसके दौरान आपको KYC दस्तावेजों जैसे पहचान प्रमाण, निवास प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, बैंक विवरण, और आपके व्यक्तिगत विवरण की एक सूची जमा करने की आवश्यकता होगी।

इसके बाद सत्यापन प्रक्रिया आरम्भ होती है जिसमें डीपी द्वारा आपका और आपके KYC दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किया जाता है | नैतिक और कानूनी कारोबार सुनिश्चित करने के लिए और किसी भी संदेह को दूर करने के लिए जो आपको एक डीमैट खाते और विभिन्न कार्यों के संबंध में हो सकते हैं, आपको नियमों और विनियमों की एक सूची दी जाती है | डीमैट खाता खोलने से जुड़े सभी आवश्यक शुल्क का भुगतान आपके द्वारा किया जाता है |

जब आपके दस्तावेज़ सत्यापित हो जाते हैं, और अंतिम औपचारिकताएं पूरी हो जाती हैं तो आपका नया डीमैट खाता खोला जाता है जिसके बाद आपको अपने खाते के लिए अद्वितीय पहचान संख्या भी दी जाती है |

शेयर्स कब खरीदने चाहिए ?

उपरोक्त आर्टिकल में आपने यह जाना कि Stock Market क्या है/ Share Market kya hai in Hindi, शेयर कितने प्रकार के होते हैं, Share Market me invest kaise karen, और What is Demat Account in Hindi ?

उपरोक्त सभी जानकारियां प्राप्त करने के बाद आपने मन में यह ख्याल अवश्य आ रहा होगा कि शेयर्स कब खरीदने चाहिए, तो चलिए जानते हैं | शेयर खरीदने से पहले आपको इस मार्केट और यहाँ पर किस तरीके से काम किया जाता है इसका ज्ञान होना बहुत जरूरी है | इसके अन्तर्गत सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि यहाँ कैसे और कब invest किया जाए, किस कम्पनी के शेयर खरीदे जाएँ कि आने वाले समय में मुनाफा हो |

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है शेयर बाज़ार एक जोखिम भरा बाज़ार है और यहाँ पर आपको नफे के साथ-साथ नुकसान भी हो सकता है इसलिए इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि आपकी आर्थिक स्थिति ठीक हो | यदि आप सोच समझकर और बाज़ार में चल रहे trend को देखकर अपना पैसा निवेश करते हैं तो आप यहाँ से काफी प्रॉफिट कमा सकते हैं |

जैसे जैसे आपका इस क्षेत्र में ज्ञान और एक्सपीरियंस बढ़ेगा वैसे वैसे आप धीरे धीरे अपने इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने का जोख़िम उठा सकते हैं। फील्ड का ज्ञान होने के साथ महत्वपूर्ण बातों की अगर बात की जाए तो ये स्किल होना भी अनिवार्य है कि आप कंपनी एनालिसिस बेहतर तरीके से कर पाएं जिससे कंपनी फ्रॉड है या नहीं ये जानने के साथ साथ आपको उसके प्रॉफिट लॉस की खबर रहे।

शेयर मार्केट डाउन होने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं ?

Share Market Kya Hai जानने के बाद आपको यह भी जानना चाहिए कि शेयर मार्केट डाउन होने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं | शेयर मार्केट के डाउन होने के बहुत से कारण हो सकते हैं इसलिए Share Market Kya Hai यह जानने के साथ- साथ इससे जुड़े पहलुओं को भी आप जान लें –

  • दुनिया मे किसी बड़ी घटना का अचानक होना जैसे कोरोना वायरस का प्रकोप, रूस उक्रेन विवाद इत्यादि शेयर मार्केट डाउन होने के मुख्य कारण बन सकते हैं | 2020 के शुरू में ही कोरोना वायरस के आने से देश विदेश की हर चीज़ में ही काफी बड़ा बदलाव देखनें को मिला है जिसकी वजह से consumer behavior की वजह से दुनिया के सभी बिजनेस को काफी नुकसान पहुंचा है | इसका फायदा उठाने और short term earning करने के लिए लोग अपने stocks बेच देते हैं जिससे शेयर मार्केट डाउन हो जाती है और बाज़ार में काफी उतार चढाव देखने को मिलता है |
  • ब्याज दरों में बदलाव, अर्थव्यवस्था में गिरावट, वित्तीय और राजनीतिक झटके, आर्थिक नीति में बदलाव, भारतीय रुपए का मूल्य बदलना, कुछ ऐसे कारक हैं जो शेयर बाजार में गिरावट का कारण बन सकते हैं।
  • शेयर की कीमत में परिवर्तन होता है क्योंकि आपूर्ति और मांग संतुलन में बदलाव होता है। जब स्टॉक की मांग अधिक होती है लेकिन कम आपूर्ति होती है, तो इससे उन शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। इसी तरह, यदि आपूर्ति अधिक है, लेकिन मांग कम है, तो शेयर की कीमत कम हो जाती है। यह परिदृश्य सौ गुना बड़ा हो जाता है जब विभिन्न कंपनियों के बीच बड़े पैमाने पर मांग और आपूर्ति के बीच डिस्कनेक्ट होता है, जो अंत में पूरे शेयर बाजार को प्रभावित कर सकता है।

शेयर मार्केट में Trading Kya hai ?

Share Market Kya Hai यह आपने जान ही लिया है साथ ही साथ आपने सम्बंधित कई जानकारियां भी जान ली है और उसके बाद जब आप शेयर मार्केट में entry लेते हैं तो सबसे ज्यादा सुना जाने वाला शब्द Trading ही है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है व्यापार | जब हम किसी वस्तु या फिर सेवा को इस उद्देश्य के साथ खरीदते हैं कि समय आने पर जब हमें लाभ होगा तब हम इसे बेच देंगे तो यह प्रक्रिया Trading कहलाती है |

इसी प्रकार जब शेयर मार्केट में जब कोई व्यक्ति शेयर्स खरीदता है और उसके भाव बढ़ने पर उसे किसी अन्य शेयरधारक को बेचकर कुछ मुनाफा कमाता है तो यह सम्पूर्ण प्रक्रिया को Trading कहा जाता है |

Trading कितने प्रकार की होती है (Types of Trading in Hindi)

Trading कई प्रकार की हो सकती है लेकिन इस आर्टिकल में हम Trading के मात्र 3 types को जानेंगे जो लोगों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद और उपयोग किये जाते हैं |

  1. Intra-day Trading
  2. Scalper trading
  3. Swing Trading

Intra-day Trading शेयर को एक ही दिन में खरीदकर उसे बेचने की प्रक्रिया की जाती है, इसका मतलब यह है कि ऐसे ट्रेड्स जो एक ही दिन में पूरे कर लिए जाएँ, वह Intra-day Trading कहलाती है |

Scalper trading में 5 से 10 मिनट के नादर ही किसी शेयर को खरीद कर तुरंत उसके भाव बढ़ने पर बेच दिया जाता है और इस ट्रेडिंग के दौरान मुनाफा अधिक होता है | लेकिन मुनाफा तभी होगा जब इसमें निवेश किया जाने वाला पैसा ज्यादा होगा और साथ ही साथ यदि पैसा ज्यादा लगेगा तो नुकसान होने के chances भी बढ़ जाते हैं |

Swing Trading के दौरान खरीदे गए Stocks/ Shares को कुछ दिनों तक अपने पास ही रखा जाता है और उनके भाव बढ़ने का इन्तजार किया जाता है | जैसे ही शेयरधारक को यह लगता है कि अब मुझे इस शेयर को बेचने पर अच्छा मुनाफा मिल रहा है तो वह उस शेयर को बेच देता है |

Best Share Market books in Hindi

  1. The intelligent Investor | द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर
  2. Rich Dad’s Guide to Investing | रिच डैड्स गाइड टू इन्वेस्टिंग
  3. Intraday Trading Ki Pehchan
  4. Kaise Stock Market Mein Nivesh Kare
  5. ट्रेडनीति – कैसे बने सफल प्रोफेशनल ट्रेडर
  6. रिच डैड पुअर डैड

किताबों से सम्बन्धित अधिक जानकारी पाने और इनके best buy link प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए आर्टिकल को पढ़ें –

शेयर मार्किट को समझने के लिए बेस्ट किताबें

Disclaimer : इस आर्टिकल के माध्यम से हमारे द्वारा शेयर मार्केट से सम्बंधित बेसिक जानकारी जैसे Share Market Kya Hai इत्यादि देने का प्रयास किया गया है और यह आर्टिकल आपको force नहीं करता है कि आप शेयर मार्केट में पैसे invest करें | यदि आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं और उस पर आपको किसी तरह का नफा या नुकसान होता है तो उसके जिम्मेदार स्वयं आप है |

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उपरोक्त आर्टिकल Share Market Kya Hai में शेयर मार्केट से सम्बंधित अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास किया गया है | जैसे कि इस आर्टिकल में आपने सबसे पहले यह जाना कि stock market क्या है/ Share Market Kya Hai, शेयर कितने प्रकार के होते हैं, शेयर्स को कब खरीदना चाहिए और कब बेचना चाहिए, ट्रेडिंग क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है इत्यादि |

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