कौन हैं कादम्बिनी गांगुली ?
भारत की पहली महिला स्नातक और पहली महिला फिजिसियन Kadambini Ganguly थीं, इनका जन्म बिहार के भागलपुर में 18 जुलाई 1861 को हुआ था | जिस समय हमारा देश अंग्रेंजों का गुलाम हुआ करता था और कोई भी भारतीय नागरिग स्वेच्छा से कुछ भी करने से डरता था, ऐसी कठिन परिस्थितियों में Kadambini Ganguly ने शिक्षा के क्षेत्र में कामयाबी हासिल की थी और दक्षिण एशिया में पश्चिमी चिकित्सा पद्धति में प्रशिक्षण लेने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी | आज के इस लेख में इसी महान महिला की जीवनी के बारे में चर्चा की जायेगी [Kadambini Ganguly Biography]
Kadambini Ganguly क्यों हैं आज चर्चित ?
Kadambini Ganguly आज चर्चा में इसलिए हैं क्योंकि आज दिनांक 18 जुलाई को उनका जन्मदिन मनाया जाता है और उनके 160 वे जन्मदिन के अवसर पर google ने उनको सम्मानित करने के लिए उनका Doodle बनाकर google home page पर लगाया है | इस खूबसूरत डूडल का चित्रण कलाकार ओड्रिजा द्वारा किया गया है |
कादम्बिनी गांगुली के बारे में मुख्य बिंदु –
पूरा नाम | कादम्बिनी गांगुली |
जन्मतिथि | 18 जुलाई 1861 |
जन्मभूमि | भागलपुर, बिहार, भारत |
मृत्यु तिथि | 3 अक्टूबर 1923 |
मृत्यु स्थान | कलकत्ता ( ब्रिटिश भारत ) |
कर्म क्षेत्र | चिकित्सा |
भाषा | हिन्दी तथा अंग्रेजी |
शिक्षा | चिकित्सा शास्त्र |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | भारत की पहली महिला स्नातक और पहली महिला फिजिसियन |
कादम्बनी का विवाह ब्रह्मा समाज के नीता द्वारकानाथ गंगोपाध्याय के साथ हुआ था | कादम्बनी, द्वारकानाथ गंगोपाध्याय से अत्यधिक प्रभावित हुई थीं क्योंकि वे पहले से ही महिलाओं की स्थिति सुधार के लिए प्रयत्नशील थे और सादी की बाद कादम्बनी ने भी अपने पति के साथ बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया |
कांग्रेस के 1889 के मद्रास अधिवेशन में कादम्बिनी गांगुली ने भाग लिया और भाषण दिया तथा संस्था के उस समय तक के इतिहास में भाषण देने वाली पहली महिला बनीं । 1906 ई. की कोलकाता कांग्रेस के अवसर पर आयोजित महिला सम्मेलन की अध्यक्षता कादम्बिनी जी ने ही की थी और महात्मा गाँधी के उन दिनों अफ़्रीका में रंगभेद के विरुद्ध चलाये गए ‘सत्याग्रह आन्दोलन’ के लिए कोलकाता में चन्दा जमा किया था |
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